Monday, March 4, 2019

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दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन

(DAY-NULM)
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योजना की जानकारी:
भारत सरकार द्वारा संचालित दीनदयान अन्त्योदय योजना -राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पूरे भारत के समस्त शहरो मे जिसमे (नगर निगम/नगर परिषद्/नगर पालिकाए) सम्मिलित है। वहॉ पर शहरी गरीबो के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान एवं विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में भीलवाड़ा नगर परिषद एवं जिले की समस्त नगर पालिकाओं (आसीन्द, शाहपुरा, जहाजपुर, गंगापुर, गुलाबपुरा, माण्डलगढ) भी सम्मिलित है। इस योजना को संचालन करने के लिए केपिसिटी बिल्डिंग घटक के तहत पूरी टीम कार्यरत है। जिसमे जिला परियोजना अधिकारी, जिला प्रबंधक, एवं सामुदायिक संगठक है जो आयुक्त एवं अधिशाषी अधिकारीयो के साथ कार्य करते है। मुख्यतः योजना 6 घटको मे कार्य कर रही है।
01. स्वरोजगार घटक (SEP)
02. कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम  (ESTP)
03. सामाजिक जागरूकता एवं संस्थागत विकास (SMID)
04. स्ट्रीट वेण्डर्स हेतु, शहर मे फेरी लगाकर व्यवसाय करने वालेपथ विक्रेता (SUSV)
05. आश्रय स्थल योजना (SUH)
06. M.I.S.


पात्रताः-
01. जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष हो।
02. शहरी बीपीएल सूची 2003 मे सम्मिलित परिवार या
03. स्टेट बीपीएल सूची मे सम्मिलित परिवार या
04. अंत्योदय परिवार। आस्था कार्डधारी परिवार या
05. अन्य शहरी गरीब परिवार जिनकी वार्षिक आय रू. 3 लाख तक है।


स्वरोजगार घटक (SEP)
इस घटक का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीब परिवार (ठच्स्, स्टेट ठच्स्, आस्था कार्ड धारी, अन्त्योदय कार्ड धारी, या जिन परिवारो की वार्षिक आयु 3 लाख से कम हो) उन्हे स्वयं के रोजगार के लिए 2 लाख रूपये तक स्वयं सहायता समूहो को ऋण/समूहऋण 2 से 10 लाख रूपये तक का ऋण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। जिसमे व्यक्ति नगर परिषद/ नगर पालिकाओं से आवेदन प्राप्त कर उन्हे टास्क फोर्स कमेटी से साक्षात्कार के पश्चात बैंको मे भिजवाया जाता है। तथा बैंको द्वारा पुनः मुल्यांकन कर अपने टारगेट के हिसाब से ऋण प्रदान करता है। यह ऋण सर्विस एवं मेनूफेक्चरिंग इण्डस्ट्री मे दिया जाता है। इस वर्ष भी बैंको के सहयोग से लगभग 2.5 करोड़ के ऋण दिये जा चुके है। समय-समय पर उद्योग जो कि योजना द्वारा फण्डेड है उनका वेरिफिकेशन भी किया जाता है एवं EDP ट्रेनिंग करा कर लाभार्थियों के कौशल विकास का कार्य भी किया जा रहा है।

कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम (EST&P)
कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण कार्रूक्रम के अर्न्तगत भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा संचालित स्कील डेवलपमेन्ट प्रशिक्षण केन्द्रांेपरकौशल प्रशिक्षण का कार्य किया जाता है। जिसके तहत सभी ऐसे युवक एवं युवतियॉ जिन्होने अपनी पढाई छोड दी है अथवा स्वयंपाठीहै एवं जिनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम साक्षर है को पूर्णत निःशुल्क आवासीय/गैर आवासीय कौशल प्रशिक्षण योजना के अर्न्तगत करवाया जाता है। विभिन्न प्रशिक्षणों मेंटेªड के अनुसार प्रशिक्षण अवधि 1 एवं 3 से 6 माह तक की होती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सफल प्रशिक्षणार्थियों कोनिजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरतथा स्वरोजगार हेतु ऋण भी दिया जाता है। प्रशिक्षण में सफल प्रशिक्षणार्थियांे को मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा कौशल प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। 

सामाजिक जागरूकता एवं संस्थागत विकास (SM&ID)
सामाजिक जागरूकता एवं संस्थागत विकासघटकके अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाता है तथा स्वयं सहायता समूह के गठन व बैंक खाता खुलने के 3 माह उपरान्त योजना मद से 10,000 रू. प्रति समूह रिवोलविंग फण्ड जारी किया जाता है। समूह को गतिविधि प्रारम्भ करने हेतु योजना द्वारा बैकों से समूह रोजगार ऋण उनके के बचत के आधार पर बैंको द्वारा दिलाया जाता है जिसमें अधिकतम सीमा 10 लाख रू. तक है। समूह को स्वरोजगार स्थापित करने हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था भी है।बैंको के माध्यम से ही समूह के सदस्यो को स्वास्थ्य बीमा तथा जीवन बीमा योजना का लाभ दिलवाया जा रहा है। साथ ही समूहो को क्षेत्रीय स्तरीय सघं से जोड कर उन्हे और अधिक सक्षम बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है।


शहरी  पथ विक्रेता (SUSV)
स्ट्रीट वेण्डर्स हेतु, शहर मे फेरी लगाकर व्यवसाय करने वाले फुटकर व्यवसायी एवं पथ विक्रेताओं को इस घटक के माध्यम से उनकी क्षमतावर्धन कर आर्थिक क्षेत्र में सहयोग प्रदान किया जाता है साथ ही विŸाीय सहायता एवं सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाती है। फेरी लगाकर कार्य करने वालो का सामाजिक आर्थिक सर्वे कर उनका पंजीयनकिया जाता है तथा पहचान पत्र जारी किये जाते है।फुटकर व्यवसायी एवं पथ विक्रेताओं को व्यवसाय में वृद्धि हेतु अधिकतम 2 लाख रू. तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।फुटकर व्यवसायी एवं पथ विक्रेताओं को कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है साथ ही बैंको द्वारा उन्हे स्वास्थ्य बीमा तथा जीवन बीमा योजना से भी लाभान्वित किया जाता है।

पात्रता:- शहर में फेरी लगाकर कार्य करने वाले व्यक्ति एवं फुटकर व्यवसायी।

आश्रय स्थल योजना (SUH) 
योजना के अन्तर्गत स्थायी/अस्थायी आश्रय स्थल का संचालन किया जा रहा है जिसमे गरीब/बेसहारा, आश्रय विहिन परिवार, वृद्ध अशक्त अशक्त/निःशक्तजन महिला/पुरूष/बच्चो के ठहरने एवं विश्राम हेतु स्थायी पूर्णतः निःशुल्क आश्रय स्थल की व्यवस्था की गई है। ऐसे व्यक्ति जो गली मेें, फूटपात पर, बरामदे में, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन, पार्क में, खाली पाईपों में, खुले आकाश के नीचे सोते हे तथा ट्यूरिस्ट स्थानो पर, धार्मिक स्थलो पर, हॉलसेल मार्केट में, निर्माणाधीन भवनों के अन्दर एवं बाहर आदि जगह सोते हुए पाये जाते है। इनका सोना मतलब अपने काम के कारण सोने से है जैसे रिक्शाचालक, थैले वाला।
आश्रय स्थल पर दी जाने वाली सुविधायें -
कमरे/डोरमेन्ट्री (कॉमन हॉल) (पुरूष, महिला, वृद्वजन, निःशक्तजन, परिवारो के लिए अलग-अलग
रजाई, गद्दे, तकिया, बिस्तर इत्यादि साफ व धुले हुए
चारपाई/पंलग/तख्ते
पीने योग्य पानी की व्यवस्था एवं अन्य कार्यो हेतु पानी की व्यवस्था।
शौचालय (महिला, पुरूष के अलग-अलग)
कूलर/पंखों की व्यवस्था ।
सामानों की सुरक्षा हेतु लॉकर व्यवस्था,
मनोरंजन हेतु टीवी सेट
सीसीटीवी कैमरा (प्रवेश व निकास द्वार पर)
फस्ट एड कीट
कॉमन रसोई घर मय गैस कनेक्शन
अग्निशमन सुविधा
रैन वाटर हॉर्वेसटिंग सिस्टम
आवश्यकतानुसार सीढियां व रैम्प की व्यवस्था।


इंदिरा रसोई योजना
उद्देश्य - माननीय मुख्यमंत्री महोदय, राजस्थान सरकार के संकल्प ”कोई भूखा न सोये” को साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेष के सभी नगरीय निकायों में इन्दिरा रसोई योजना  20 अगस्त 2020 से शुरू की गई है। 

रसोईयां - जिला भीलवाड़ा में प्रारम्भ में 20 अगस्त 2023 को कुल 9 इंदिरा रसोईयां शुरू की गई जिसे बाद में सितम्बर 2022 से बढ़ाकर 24 कर दी गई। वर्तमान में कुल 24 इंदिरा रसोईयां सचंालित है जिनमें भीलवाड़ा-9, शाहपुरा, आसीन्द में 3-3 एवं गुलापुरा, जहाजपुर, माण्डलगढ़, गंगापुर में 2-2 एवं हमीरगढ में एक इंदिरा रसोई संचालित है।

लाभान्वित वर्ग - कोई भी व्यक्ति इंदिरा रसोई पर जाकर 8रू में भोजन कर सकता है।

भोजन थाली  - भोजन थाली में चपाती-250 ग्राम, दाल-100 ग्राम, सब्जी-100 ग्राम व अचार दिया जाता है। भोजन का समय प्रातः 8.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक तथा शाम को 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक दिया जाता है।

इंदिरा रसोई में सुविधाए - प्रत्येक इंदिरा रसोई में सरकार की योजना की जानकारी देने हेतु एलईडी टीवी, भोजनकर्ताओं के लिए कुलर, वॉटर कुलर, बैठकर भोजन करने हेतु टेबल-बैच सहित किचन की समस्त सामग्री उपलब्ध करवाई गई है जिसमें फ्रिज, ऑवन, किचन सामान इत्यादि

योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रयास:- 
1. वर्तमान में इन्दिरा रसोई योजना का लाभार्थियों को अधिक से अधिक लाभ देने हेतु वार्ड वाईज ऑटो टीपर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। 
2. मजूदर चौहारा पर पेम्पलेट वितरण के माध्यम से रसोईयों की जानकारी दी जाती है।
3. वर्तमान में जिले मंे संचालित इन्दिरा रसोईयों पर एल.सी.डी. लगाई जाकर राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 



इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021
उद्धेश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से बेरोजगार हुए युवाओं को आर्थिक संबल प्रदान करना है। जिससे कि वह अपने व्यवसाय को पुनर्स्थापित कर सकें। इस योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर को भी विकसित किया जा सकेगा। यह योजना अनौपचारिक व्यापार क्षेत्र में कोरोनावायरस संक्रमण से पड़े प्रभाव को कम करने में भी कारगर साबित होगी। इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021 के माध्यम से प्रदेश की बेरोजगारी दर में भी गिरावट आएगी। सभी पात्र नागरिक इस योजना का लाभ उठाकर अपने रोजगार को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।

लाभान्वित वर्ग: राजस्थान का स्थायी निवासी, जिसकी कुल पारिवारिक मासिक आय 50,000 से कम हो।
1- शहरी बेरोजगार युवा -
2- जिला रोजगार केन्द्र में पंजंीकृत बेरोजगार (जिन्हे बेरोजगारी भत्ता ना मिल रहा हो)
3- शहरी स्ट्रीट वेेण्डर्स -
सर्वे में चिन्हित स्ट्रीट वेडंर्स
विक्रय प्रमाण पत्र व पहचान पत्र धारी स्ट्रीट वेण्डर्स
सर्वे से वंंिचत स्ट्रीट वेण्डर्स जिन्हे निकाय द्वारा एल ओ आर जारी किया गया हो।
पेरी-अर्बन क्षेत्र में कार्यरत जिन्हें निकाय द्वारा सिफारिश पत्र जारी किया गया हो
असंगठित सेवा क्षेत्र के कामगर
हेयर ड्रेसर, रिक्शावाला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, दर्जी, धोबी, पलम्बर, चाय वाला, चाट वाला आदि (आयु सीमा 18-40 वर्ष)
जिला कलक्टर द्वारा चिन्हित, अन्य व्यवसायों में कार्यरत लोग

इस योजना के माध्यम से कोरोनावायरस संक्रमण के कारण बेरोजगार हुए नागरिकों को ₹50000 तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाला ऋण पूरी तरह से ब्याज मुक्त होगा। 31 मार्च 2024 तक इस योजना के अंतर्गत आवेदन किया जा सकेगा। ऋण प्राप्त करने के लिए आपको किसी भी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं है। ऋण के मॉनिटोरियम की अवधि 3 महीने निर्धारित की गई है।
लाभार्थी को ऋण का भुगतान 12 महीने की अवधि के अंदर अंदर करना होगा। उपखंड अधिकारी द्वारा लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यह निकासी एक या एक से ज्यादा किस्तों में 31 मार्च 2022 तक की जा सकती है। राशि का भुगतान 4 से 15 महीने में 12 सामान किस्तों में किया जाएगा। लाभार्थी को ऋण प्राप्त करने के लिए कोई भी प्रक्रिया गत शुल्क भुगतान नहीं करना होगा।


प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना
शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक सूक्ष्म ऋण योजना है जिसकी शुरुआत 01 जून, 2020 को हुई थी और इसका उद्देश्य 50,000 रुपये तक बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है। प्रथम ऋण 10000 का दिया जाता है, 12 महीने के भीतर राशि वापस करने के बाद आपको दूसरी बार 20,000 रुपये और तीसरी बार 50,000 रुपये तक की राशि मिल सकती है. इस स्कीम के तहत सभी लाभार्थियों को 7 फीसदी की दर से ब्याज में सब्सिडी भी मिलती है